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5 Minute Ayurveda's video: Home Remedy for Cure Thyroid

@थायराइड जड़ से ठीक / क्या खाएं और क्या न खाएं & Home Remedy for Cure Thyroid
LIKE | COMMENT | SHARE | SUBSCRIBE जानें थायराइड क्या है? What is Thyroid in Hindi? थायराइड एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है। यह ग्रंथि आपके शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है। यानी जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह आपके हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। थायराइड को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्‍योंकि इसके लक्षण एक साथ नही दिखते है। पुरूषों में थायराइड की समस्या के लक्षण समस्या के प्रकार पर निर्भर करता है, यह किसी भी अंतर्निहित कारण, समग्र स्वास्थ्य, जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं के साथ चल रहे इलाज के कारण हो सकता है। थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है। रजोनिवृत्ति में असमानता भी थायराइड का कारण बनती है। थाइराइड से ग्रस्त मरीजों को थाइराइड फंक्शन टेस्ट करना चाहिए। बच्‍चों में थायराइड - Thyroid in Children in Hindi अक्‍सर बच्‍चों में थायराइड समस्‍या के लिए माता-पिता ही जिम्‍मेदार होते हैं। अगर गर्भावस्‍था के दौरान मां को थायराइड समस्‍या है तो बच्‍चे को भी थायराइड की समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा मां के खान-पान से भी बच्‍चे का थायराइड फंक्‍शन प्रभावित होता है। अगर गर्भावस्‍था के दौरान मां के डाइट चार्ट में आयोडीनयुक्‍त खाद्य-पदार्थों का अभाव है तो इसका असर शिशु पर पड़ता है। वैसे तो बड़ों, किशारों और बच्‍चों में थायराइड समस्‍या के लक्षण सामान्‍य होते हैं। लेकिन अगर बच्‍चों में थायराइड की समस्‍या हो तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। बच्‍चों में अगर थायराइड समस्‍या है तो बच्‍चों के चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए। थायराइड के कारण - Thyroid Causes in Hindi माइग्रेन कई कारणों से हो सकता है। इनमें ये कारण प्रमुख हैं। थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है। सोया उत्पाद- इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यायदा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है। दवाएं- कई बार दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव (साइड इफैक्टप) भी थायराइड की वजह होते हैं। ह्य्पोथालमिक रोग- थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती। आयोडीन की कमी- भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या में इजाफा करता है। विकिरण थैरेपी- सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण्‍ा। तनाव- जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है। परिवार का इतिहास- यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है। ग्रेव्स रोग- ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था- थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है। रजोनिवृत्ति- रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है। थायराइड के लक्षण - Thyroid Symptoms in Hindi जानें थायराइड के लक्षण: थायराइड की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इसलिए इसकी वजह से शरीर में कई अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं। थायराइड के सामान्य लक्षणों में जल्दी थकान, शरीर सुस्त रहना, थोड़ा काम करते ही एनर्जी खत्म हो जाना, डिप्रेशन में रहने लगना, किसी भी काम में मन न लगना, याद्दाश्त कमजोर होना और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना शामिल हैं। इन सभी समस्याओं को आम समझकर ज्यादातर लोग इग्नोर करते रहते हैं जो बाद में खतरनाक साबित हो सकता है और कई बार तो जानलेवा साबित हो सकता है। जानें थायराइड ग्रंथि क्या है: थायराइड कोई रोग नहीं बल्कि एक ग्रंथि का नाम है जिसकी वजह से ये रोग होता है। लेकिन आम भाषा में लोग इस समस्या को भी थायराइड ही कहते हैं। दरअसल थायराइड गर्दन के निचले हिस्से में पाई जाने वाली एक इंडोक्राइन ग्रंथि है। ये ग्रंथि एडमस एप्पल के ठीक नीचे होती है। थायराइड ग्रंथि का नियंत्रण पिट्यूटरी ग्लैंड से होता है जबकि पिट्यूटरी ग्लैंड को हाइपोथेलमस कंट्रोल करता है। थायराइड ग्रंथि का काम थायरॉक्सिन हार्मोन बनाकर खून तक पहुंचाना है जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म नियंत्रित रहे। ये ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन बनाती है। एक टी3 जिसे ट्राई-आयोडो-थायरोनिन कहते हैं और दूसरी टी4 जिसे थायरॉक्सिन कहते हैं। जब थायराइज से निकलने वाले ये दोनों हार्मोन असंतुलित होते हैं तो थायराइड की समस्या हो जाती है।

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This video was published on 2019-10-28 18:06:28 GMT by @5-Minute-Ayurveda on Youtube. 5 Minute Ayurveda has total 748K subscribers on Youtube and has a total of 133 video.This video has received 5.8K Likes which are higher than the average likes that 5 Minute Ayurveda gets . @5-Minute-Ayurveda receives an average views of 122.6K per video on Youtube.This video has received 50 comments which are higher than the average comments that 5 Minute Ayurveda gets . Overall the views for this video was lower than the average for the profile.5 Minute Ayurveda #thyroid #weightloss #hyperthyroidism #juice #weightlossdrink #diet #nukshe #tips #ayurvedic has been used frequently in this Post.

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