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@लक्ष्मी छाया शादी करना चाहती थी तब उन्हें यह गंभीर बिमारी होगई और वो कुँवारी ही इस दुनिया से चली गई
.club एक ऐसी अभिनेत्री जो डांस में अव्वल और अदाओं से सबके होश उड़ाने वाली 7 जनवरी, सन् 1948 को मुंबई में हुआ थी. लक्ष्मीस छाया ने 60 और 70 के दशक में एक वैम्पो और डांसर के तौर पर, बॉलीवुड की हिंदी फिल्मोंं में धूम मचा दी थी। उन्हों ने अपने कैरियर में 95 से ज्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। लक्ष्मी छाया के फिल्मह कैरियर की शुरूआत शक्ति सामंता की फिल्म 'नॉटी बॉय' सन् 1962 में हुई थी। इसमें किशोर कुमार, कल्पिना, सुलोचना, ओमप्रकाश, मदनपुरी, सुंदर जैसे कलाकारों के बीच लक्ष्मी छाया ने अपनी मौजूदगी ज़ाहिर की। शुरुआत - लक्ष्मी छाया का फिल्मी सफर सन् 1958 में महज़ 9 साल में शुरु हुआ. जब महेश कौल नामक डायरेक्टर ने 9 साल की लड़की के साथ एक फिल्म की शूटिंग के समय दर्शकों के बीच देखा. उन्हें एक बालिका की तलाश थी, फिल्म बननी थी “तलाक”. इस फिल्म में वो मेहमान कलाकार के रूप में नज़र आई थी। इन्होंने मराठी फिल्मों में भी काम किया. हिंदी फिल्मों में लक्ष्मी हमेशा दो नर्तकियों के बीच दूसरे नम्बर पर ही रही. फिर धीरे-धीरे उन्हें डांसर का काम भी मिलने लगा. लेकिन लगभग 30 साल के फिल्मी सफर में सबसे बड़ा काम इन्हें “मेरा गांव मेरा देश” में ही मिला. इसमें गांव की नौटंकी वाली मुन्नी बाई के कैरेक्टर में उन्हें कई गीत पर नृत्य करने का अवसर मिला और सभी गीत लोकप्रिय रहे और इनके नृत्य ने उन गीतों को सदाबहार बना दिया। फिल्मी सफर - फिल्म 'नॉटी बॉय' (1962) के बाद लक्ष्मी छाया 'रॉयल मेल’ (1963) में महेश कुमार और अम्बिका के साथ नज़र आईं। लेकिन ये फिल्मो पर्दे पर कुछ खास नहीं चली। राधाकांत व्दायरा के डायरेक्शन में 'टारजन’ और ‘जलपरी' (1964) में वो आजाद और चित्रा के साथ थी। इस फिल्मठ में अपने लाजवाब अभिनय से लक्ष्मी छाया ने चित्रा जैसी अभिनेत्री के मुकाबले ज्या1दा प्रशंसा हासिल की। उसी साल एस.डी. नारंग व्दा रा ने 'शहनाई' (1964) में लक्ष्मी छाया ने विश्व जीत के साथ एक बेहद अहम किरदार निभाया था। फिल्म 'शहीद' (1965) में लक्ष्मी छाया का किरदार ज्यामदा बड़ा नहीं था। लेकिन फिल्मा सुपर हिट रही और इस फिल्मा की कामयाबी के बाद लक्ष्मीछ छाया ने एक साथ 5 फिल्मेंम साइन की थीं, जो उस दौर में बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। यादगार गीत - फिल्म 'गुमनाम' (1965) में लक्ष्मी छाया पर फिल्माीया गया गीत 'जान पहचान हो’ जबरदस्तन मशहुर हुआ था. ये गीत आज भी दर्शकों को याद है। डायरेक्टर अख्तनर मिर्जा 'मोहब्बेत इसको कहते हैं' (1965) में लक्ष्मी, शशि कपूर और नंदा जैसे स्टा र्स के साथ थीं और अपने काम और एकदम शानदार अंदाज से उन्हों ने दर्शकों के दिल में खास जगह बनाई। laxmi chhaya, laxmi chhaya songs, laxmi chhaya biography, laxmi chhaya movie, laxmi chhaya marathi song, laxmi chhaya interview, laxmi chhaya dance, laxmi chhaya family, biography of laxmi chhaya, songs of laxmi chhaya laxmi chhaya movie list

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This video was published on 2021-10-15 00:35:15 GMT by @Biographybox-club on Youtube. Biographybox club has total 215K subscribers on Youtube and has a total of 326 video.This video has received 13 Likes which are lower than the average likes that Biographybox club gets . @Biographybox-club receives an average views of 1.5K per video on Youtube.This video has received 3 comments which are higher than the average comments that Biographybox club gets . Overall the views for this video was lower than the average for the profile.Biographybox club #LaxmiChhaya #LaxmiChhayaBiography #Biographybox.club एक has been used frequently in this Post.

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