@Runway 34 movie की सच्ची कहानी, पायलट ने लैंडिंग के 6 प्रयास किए, सातवें में हुआ था हादसा!
Runway 34 movie की सच्ची कहानी, पायलट ने लैंडिंग के 6 प्रयास किए, सातवें में हुआ था हादसा!
कहानियों को दिखाने का बॉलीवुड का अपना अंदाज है. बॉलीवुड फिल्मों का हीरो असल में कुछ ज्यादा ही हीरो होता है. कुछ भी कर लेने में माहिर. कोई भी बड़े से बड़ा रिस्क परदे पर उठा सकता है. उसके अंदर के मानवीय दोष उसके काम पर कभी असर नहीं डालते. वो शराब के नशे में धुत होने के बावजूद हाइवे पर पूरी सफाई से कार दौड़ा सकता है. बिना किसी को नुकसान पहुंचाएं. और नियम कायदों को ताक पर रखकर प्लेन भी उड़ा सकता है. रनवे 34 ऐसे ही एक नायक की कहानी है जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित बताई जा रही है. अजय देवगन ने पायलट की मुख्य भूमिका निभाई है.
उनके अपोजिट को-पायलट की भूमिका में रकुलप्रीत सिंह हैं. अमिताभ बच्चन भी हैं. विलेन का हिस्सा बोमन ईरानी के हाथ है. फिल्म का ट्रेलर थ्रिलिंग नजर आ रहा है. कहानी 'ब्लाइंड लैंडिंग' की है जिसमें एक पायलट पैसेंजर एयरक्राफ्ट को खराब मौसम में जोखिम लेकर लैंड कराने की कोशिश करता है. नो स्मोकिंग जोन में भी सिगरेट पीने वाला पायलट जुनूनी है. नियम कायदे की परवाह नहीं करता. नियम तोड़ते ही रहता है. पायलट को लगता है कि खराब मौसम के बावजूद वो सभी पैसेंजर समेत प्लेन को सुरक्षित बचा लेगा.
Runway 34 real story
ऐसी ही एक घटना साल 2015 में हुई थी. जेट एयरलाइन की दोहा-कोच्चि फ्लाइट खराब मौसम में 'ब्लाइंड लैंडिंग' के दौरान क्रैश कर गई थी. बोर्ड पर 150 पैसेंजर थे. कई पैसेंजर को जान गंवानी पड़ी थी. तब रिपोर्ट्स में यह सामने आया था कि प्लेन में फ्यूल ना होने की वजह से वह क्रैश हो गया था. हालांकि यह भी सामने आया था कि क्रैश से पहले पायलट ने लैंडिंग की कई कोशिशें की थीं जिसकी वजह से पर्याप्त फ्यूल ख़त्म हो गया था. जब प्लेन कोचीन एयरस्पेस में पहुंचा था उस वक्त 4,844 किलो फ्यूल था. कोचीन में लैंडिंग के तीन असफल प्रयास किए गए जिसमें रनवे के साथ विजुअल कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया. तीन प्रयासों में काफी सारा फ्यूल जाया हो गया.
तीन असफल प्रयासों के बाद डायवर्जन के लिए एयरक्राफ्ट में इतना फ्यूल था कि वह बेंगलुरु जा सकता था. लेकिन क्रू को तिरुवनंतपुरम जाने का दबाव डाला गया. यहां लैंडिंग की पहली और एयरक्राफ्ट की चौथी कोशिश हुई जो नाकाम रही. अभी भी 1324 किलो फ्यूल था. पांचवे और छठे प्रयास में काफी फ्यूल जाया हो चुका था. ब्लाइंड लैंडिंग के सातवें प्रयास में प्लेन क्रैश हुआ और तब सिर्फ 349 किलो फ्यूल बचा था. यानी प्लेन सिर्फ 10 मिनट हवा में रह सकता था. लैंड करने के अलावा कोई चारा नहीं था. हालांकि इस मामले में बहुत सारी चीजों का साफ़ होना बाकी है.
उस दुर्घटना में पायलट की गलती थी या उसके पीछे कुछ और था- यह देखना दिलचस्प है. जहां तक रनवे 34 के ट्रेलर की बात है फिल्म का विषय नया है, खूब थ्रिल है और इसमें कोर्ट रूम ट्रायल भी दिलचस्प दिख रहा है. हिंदी दर्शकों को पहली बार फिल्म देखने को मिलेगी जिसमें जमीन से 34 हजार फीट की उंचाई पर मुश्किल में फंसे एयरक्राफ्ट, क्रू और पैसेंजर के दिल दहला देने वाले हालात नजर आएंगे.
बतौर निर्देशक अजय देवगन की तीसरी फिल्म
ब्लाइंड लैंडिंग पर यह बॉलीवुड की पहली फिल्म है. वैसे हॉलीवुड ने एयरक्राफ्ट की मुश्किल लैंडिंग को लेकर कई दिलचस्प फ़िल्में बनाई हैं जिसमें इस तरह की कहानियां नजर आती है. टॉम हैंक्स की सली एक दिलचस्प कहानी है जिसमें दुनिया के किसी पायलट ने एयरक्राफ्ट को पानी में उतारकर लोगों की जान बचाई थी. सुली के अलावा डेंजेल वाशिंगटन की फ्लाइट और दूसरी दर्जनों फ़िल्में विदेशी सिनेमा में देखने को मिलती हैं. यह देखना होगा कि अजय देवगन की रनवे 34 उनके मुकाबले कहां नजर आती है.
रनवे 34 में मुख्य भूमिका निभाने के अलावा अजय देवगन निर्देशक की भूमिका में भी हैं. बतौर निर्देशक यह उनकी तीसरी फिल्म है. इससे पहले उन्होंने शिवाय, यू मी और हम का भी निर्देशन किया था.
Indian Mirror's video: Runway 34 movie 6
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