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MP Gujrati Adivasi Timli Club's video: Kajal Mata Making Video - Part 2 Rani Kajal Mata Video Shooting Piru Chetan Priya Anand

@Kajal Mata Making Video - Part #2 | Rani Kajal Mata Video Shooting | Piru Chetan Priya Anand
BHARAT SASTIYA RTW & ROHIT PADHIYAR PRESENT VIDEO SONG LINK - https://youtu.be/TktHAoRWxJs राणी काजल माता वीडियो शूटिंग वीरबारी मथवाड़ अलीराजपुर मप्र Making of Rani Kajal Mata Video Veebari Mathwad Alirajpur MP PART Video Shooting Rani Kajal Mata Video RANI KAJAL MATA HD VIDEO SONG 2020 __________________________________________ LIKE | COMMENT | SUBSCRIBE __________________________________________ आनंद राठवा प्रिया राठवा चेतन कनेश पीरु सोलंकी का पहला आदिवासी सांस्कृतिक विडियो राती काजल माता घणी रे महान... आदिवासी कुलदेवी काजल माता का पहला सांस्कृतिक विडियो 2020 __________________________________________ MP Gujrati Adivasi Timli Club Present _Of_Rani_Kajal_Mata_Video _Kanesh _solanki _rathwa _Rathwa New Adivasi Cultural Video Song 2020 Title - Kajal Mata Ghani Re Mahan | Rani Kajal Mata Video Song 2020 Artist - Aanand Rathwa | Priya Rathwa | Chetan Kanesh | Piru Solanki | Rohit Padhiyar | Lala Nargawa Singer - Piru Solanki | Chetan Kanesh Music - Nansing Mandloi Music Director - Vishal Kanesh Lyrics - Rohit Padhiyar Camera - Amit Rathwa Cinematography - Mehul Rathwa | Mayank Patel Drone - Jignesh Rathwa Chrographer - Shankar Bharle | Ankit Shishulkar Editing - Mehul Dharva Rathwa | Mayank Patel Design - Nikunj Modi Producer - Bharat Sastiya | Rohit Padhiyar Video Director - Bharat Sastiya Recording - Jay Ambe Recording Studio Kawant ( Shailesh Rathwa ) Release by - MP Gujrati Adivasi Timli Club © - MP Gujrati Adivasi Timli Club हमारे आफिशियल चैनल में आपका हार्दिक स्वागत है | अगर आपको विडियो/सोंग पसंद आया हो तो हमारे चैनल को Subscribe जरूर करे - https://www.youtube.com/channel/UCkGYmUY5H_jjPCIN1awsgmQ Subscribe our channel clicking here - https://www.youtube.com/channel/UCkGYmUY5H_jjPCIN1awsgmQ •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• चेतावनी - इस गीत / वीडियो के लिंक को सोशल मीडिया पर साझा किया जा सकता है लेकिन इसे डाउनलोड कर यूट्यूब या अन्य माध्यम से बिना अनुमति के अपलोड करना कानूनन अपराध है। यदि कोई उक्त चेतावनी का उल्लंघन करता तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही वैधानिक तौर पर की जावेगी। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• Thanks For Watching Our Channel. __________________________________________ राणी काजल माता की गाथा संकलन - रोहित पड़ियार ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 (चुकी आदिवासियों में मौखिक परम्पराओं का प्रचलन है इसलिए बयान/ व्यख्या अलग अलग व्यक्ति/ क्षेत्र के हिसाब से अलग अलग हो सकती है लेकिन कथा का मूलभाव समान है।) कहा जाता है कि मथवाढ़ क्षेत्र में डुंगरिया रावत कुल की कर्म भूमि हुआ करती थी इसी कुल के दो पूजनीय देव कुंदूराणा और उनके बड़े भाई कुनबाई अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध थे। कुनबाई व कुंदुराणा के तीन बहने थी आइकुन्दण, आईमांदणी तथा आईछिनकी। आइकुन्दण जीवनभर कुवारी थी, आईमांदणी का विवाह मावी डावर के साथ हुआ और आईछिनकी वर्तमान गाव छिनकी जाकर बसी, उन्ही के नाम से गाव का नाम छिनकी रखा गया। सबसे बड़े भाई कुनबाई के विवाह के लिए जब वधु की तलाश की जा रही थी तो तब इन्हें पता चला कि महाराष्ट्र के नंदुरबार क्षेत्र में हुरिया मेघ की सात पुत्रियां है - देवमोगरा / मोगी माता, राणी काजल तथा अन्य। काजल माता का विवाह चाँद से तय हुआ था किंतु उसे आदिदेव कुनबाई भी पसंद करते थे इसलिए मोहनी (तंत्र मंत्र से मन मोह कर) का सहारा लेकर जब महाराष्ट्र के हेलादाब में विवाह के लिए एकत्र थे वहा से भगाकर अपने साथ लेकर मथवाढ़ क्षेत्र में लेकर आये। सोमला नायक का पुत्र चवरिया नायक भी राणी काजल माता को पसंद करता था इसलिए उसने कुनबाई और कुंदुराणा को युद्ध लिए ललकारा और दोनों भाइयों का चवरिया नायक से भयंकर युद्ध हुआ। अंततः कुनबाई और कुंदुराणा विजयी रहे। (चवरिया नायक पहली बार काजल माता को नर्मदा नदी मछली मारते हुए देखा था, चवरिया नायक जिस चट्टान पर बैठकर मछली मार रहे वह आंजनबारा में थी और चवरिया दगड़ा के नाम से जाना जाता था किंतु अब बांध के कारण डूब चुका है।) आखिर में जलसिंधी नामक गाँव मे राणी काजलमाता और कुनबाई का विवाह हुआ इस अवसर जलसिंधी में 700 दाबलिया (700 देवता ) देशी महुए की शराब पीकर ढोल मांदल की ताल पर नाचे थे, जिनके पैरो के निशान आज भी जलसिंधी में नर्मदा किनारे चट्टानों पर बने हुए है पर सरदार सरोवर बांध की डूब में समा गए है। विवाह के बाद काजल माता भाला वांगा ( वर्तमान का भाला गाव ) में बसी थी किंतु वहाँ पर उगते सूर्य की तेज किरणों के कारण फिर वहा से हटकर वर्तमान में जहाँ पर काजल माता का मंदिर स्थापित है वेलिये पीपर के नीचे आकर बस गई। वर्तमान में मध्यप्रदेश के अलिराजपुर जिले में मथवाढ़ क्षेत्र के वाकनेर नामक गाँव मे दो मंदिर स्थापित है और दोनों ही आदिवासियों के आस्था स्थल है सबसे ऊपर वाला मन्दिर राणी काजल माता का है और नीचे स्थापित मंदिर काजल माता की ननंद आइकुन्दण का है जो जीवनभर कुँवारी रही। जय आदिवासी जय जोहर जय माँ रानीकाजल।🙏🏻🏹

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This video was published on 2021-02-22 07:00:09 GMT by @MP-Gujrati-Adivasi-Timli-Club on Youtube. MP Gujrati Adivasi Timli Club has total 414K subscribers on Youtube and has a total of 3.2K video.This video has received 126 Likes which are lower than the average likes that MP Gujrati Adivasi Timli Club gets . @MP-Gujrati-Adivasi-Timli-Club receives an average views of 7.5K per video on Youtube.This video has received 9 comments which are lower than the average comments that MP Gujrati Adivasi Timli Club gets . Overall the views for this video was lower than the average for the profile.MP Gujrati Adivasi Timli Club #2 Video #Making_Of_Rani_Kajal_Mata_Video #Chetan_Kanesh #piru_solanki #aanand_rathwa #Priya_Rathwa has been used frequently in this Post.

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