ख्वाजा गरीब नवाज
हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेर में पहली बार 1190 में आये थे। इस समय अजमेर पर राजा पृथ्वीराज चौहान का शासन था। जब हजरत गरीब नवाज अपने साथियो के साथ अजमेर पहुंचे तो ख्वाजा ने अजमेर शहर से बाहर एक जगह पेडो के साए के नीचे अपना ठिकाना बनाया। लेकिन राजा पृथ्वीराज के सैनिको ने ख्वाजा को वहा ठहरने नही दिया उन्होने ख्वाजा से कहा आप यहा नही बैठ सकते है। यह स्थान राजा के ऊंटो के बैठने का है। ख्वाजा गरीब नवाज को यह बात बुरी लगी। ख्वाजा ने कहा- अच्छा ऊंट बैठते है तो बैठे।
यह कहकर ख्वाजा वहा से उठकर अपने साथियो के साथ चले गए। यहा से जाकर ख्वाजा ने अनासागर के किनारे अपना ठिकाना किया। यह जगह आज भी ख्वाजा का चिल्ला के नाम से जानी जाती है।
ऊंट रोज की तरह अपने स्थान पर आकर बैठे। लेकिन वह ऊंट ऐसे बैठे की उठाए से भी नही उठे । ऊंटो को ऊठाने का काफी प्रयत्न किया गया परंतु ऊंट वहा से उठकर न दिए। राजा के सभी नौकर परेशान हो गए। नौकरो ने इस सारी घटना की खबर राजा पृथ्वीराज को दी। राजा पृथ्वीराज यह बात सुनकर खुद हैरत में पड गए। उन्होने नौकरो को आदेश दिया कि जाओ उस फकीर से माफी मांगो। नौकर ख्वाजा के पास गए और उनसे माफी मागने लगे। ख्वाजा ने नौकरो को माफ कर दिया और कहा अच्छा जाओ ऊंट खडे हो गए है। नौकर खुशी खुशी ऊटो के पास गए। और उनकी खुशी हैरत में बदल गई जब उन्होने जाकर देखा की ऊंट खडे हुए थे। इसके बाद भी ख्वाजा की वहा अनेक करामाते हुई। और धीरे धीरे अजमेर और आस पास के क्षेत्र में ख्वाजा की प्रसिद्धि चारो ओर फैल गई। ख्वाजा से प्रभावित होकर साधूराम और अजयपाल ने इस्लाम कबूल कर लिया यह दोनो व्यक्ति अपने समाज में अहम स्थान रखते थे।
अब तक ख्वाजा अनासागर के किनारे ही ठहरे हुए थे। साधूराम और अजयपाल ने इस्लाम कबूलने के बाद ख्वाजा गरीब नवाज से विनती की– कि आपने यहा शहर शहर के बाहर जंगल में ठिकाना बनाया हुआ है। हम आपसे विनती करते है कि आप आबादी में ठहरे। ताकि आपके कदमो की बरकत से लोग फायदा उठा सके। ख्वाजा ने उन दोनो की की बात मान ली। ख्वाजा ने अपने साथी यादगार मुहम्मद को शहर में ठहरने हेतु उपयुक्त स्थान देखने के लिए भेजा। यादगार मुहम्मद ने स्थान देखकर ख्वाजा ख्वाजा को सूचित किया। फिर ख्वाजा अपने साथियो के साथ उस स्थान पर अपना ठिकाना बनाया। यहा ख्वाजा ने जमाअत खाना, इबादत खाना, मकतब बनवाया। यही वो मुकद्दस जगह है जहां आज भी खवाजा की आलिशान दरगाह है।
Channel link - https://www.youtube.com/channel/UC6dhtpJTxW6ER2huxZN0idA
Facebook https://mobile.facebook.com/NemishAgrawalJournalist/
Instagram https://www.instagram.com/nemish_agrawal/?hl=en
Twitter https://twitter.com/nemish_agrawal?lang=en
linkedin https://www.linkedin.com/in/nemish-agarwal-83635b27/
Youtube https://www.youtube.com/channel/UC6dhtpJTxW6ER2huxZN0idA
Google+ https://plus.google.com/1124949879656...
web https://nemishagrawal.wordpress.com/
Nemish Agrawal (journalist)'s video: Ajmer Khwaja Garib Nawaz Dargah Covid-19 Road Trip 2021 Nemish Agrawal
11
9