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News In Science's video: Corona Vaccine Update in Hindi Covishield Covaxin

@Corona Vaccine Update in Hindi || Covishield || Covaxin
Corona Vaccine Update in Hindi || Covishield || Covaxin आज बात करेंगे कोरोना वैक्सीन की, असल में कोरोना महामारी फैलने के बाद से भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने की जद्दोजहेद में लग गए थे। इन वैज्ञानिकों की मेहनत और देशों द्वारा दी गई त्वरित मंजूरियों के चलते दुनिया के कई देशों में साल 2020 में ही वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई थी। साल 2021 की शुरुआत में, भारत की ड्रग रेगुलेटरी एथोरटी CDSCO ने भी दो वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इनमें से पहली है, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन जिसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया भारत में ‘कोविशील्ड’ के नाम से कर रही है और दूसरी पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' जिसका निर्माण भारत बायोटेक ICMR के सहयोग से कर रही है। वैक्सीन तकनीक की बात करें तो कोविशील्ड सार्स-कोव-2 स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन को एनकोड कर चिंपांजी के एडेनोवायरस में डाल कर तैयार की गई वेक्टर वैक्सीन है। जबकि कोवैक्सीन निष्क्रिय वायरस वैक्सीन है। यहां ये जानना जरुरी है कि 'कोवैक्सीन' का तीसरा ट्रायल पिछले साल मिड-नवंबर में ही शुरु हुआ था और इसीलिए इसका पूरा डेटा अभी उपलब्ध नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक अभी तक के सारे नतीजे संतोषजनक रहे हैं। और फरवरी में पूरा डेटा उपलब्ध हो सकता है, तब तक इसे बैक-अप वैक्सीन की तरह रखा जा सकता है। जिसका अर्थ है कि फिलहाल वैक्सीनेशन के लिए कोविशील्ड का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इन वैक्सीन की सबसे अच्छी बात ये है कि इन्हें सुरक्षित स्टोर करने के लिए किसी खास equipment की जरुरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ये दोनों वैक्सीन, 2 से 8 डिग्री temperature पर रखी जा सकती हैं। जो भारत जैसे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, फिर भी देश भर में होने वाली वैक्सीनेशन के लिए पूरे देश में वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन किए जा रहे हैं, ताकि वैक्सीनेशन के चलते आनी वाली दिक्कतों को समझ कर उनका हल किया जा सके। अभी भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की ही बात हो रही है, लेकिन छह अन्य कंपनियों की वैक्सीन भी क्लीनिकल ट्रायल के दौर में है। जाइकोव-डी, जिसे हाल ही में तीसरे फेस के ट्रायल की अनुमति मिली है, डीएनए आधारित वैक्सीन है और इसे अहमदाबाद की कंपनी ज़ाइडस कैडिला बना रही है। रूस के जेमेलिया नेशनल सेंटर और डॉक्टर रेड्डी लैब की ओर से तैयार की जा रही स्पूतनिक वी वैक्सीन, एक ह्यूमन एडेनोवायरस वैक्सीन है। अमरीका की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार की गई दूसरी वैक्सीन NVX-C0V2373, प्रोटीन सब यूनिट आधारित वैक्सीन है। हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई, भी एमआईटी के साथ मिलकर एक वैक्सीन तैयार कर रही है। पुणे की जेनोवा, सिएटल की कंपनी एचडीटी बायोटेक कॉपरेशन के साथ मिलकर भारत की पहली mRNA वैक्सीन HGCO19 बना रही है। और इसी तरह भारत बायोटेक की नज़ल वैक्सीन भी ट्रायल स्टेज में है। असल में दुनिया भर में 150 से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट पर काम चल रहा है। और भारत सरकार का लक्ष्य जुलाई 2021 तक 30 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन देने का है। जिसके लिए 2 जनवरी को देशव्यापी टीकाकरण का ड्राई रन किया गया। इस टीकाकरण अभियान के लिए सरकार ने देश भर में क़रीब 29 हज़ार कोल्ड स्टोर तैयार किये हैं। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीकों को 2 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर रखना है। अगर वैक्सीन की डोज की बात करें तो 28 दिन के अंतराल में कोविशील्ड की दो खुराक दी जाएंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक़ दूसरी ख़ुराक लेने के बाद दो हफ्ते में एंटीबॉडी विकसित होंगे...लेकिन इसके बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, हाथ धोना जैसे कोरोना नियमों का पालन करना बेहतर रहेगा। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामले एक करोड़ का आंकड़ा पार कर चुके हैं और अब तक करीब कोरोना संक्रमित एक लाख 44 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है।

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This video was published on 2021-01-14 19:00:03 GMT by @News-In-Science on Youtube. News In Science has total 71.4K subscribers on Youtube and has a total of 812 video.This video has received 10 Likes which are lower than the average likes that News In Science gets . @News-In-Science receives an average views of 447.2 per video on Youtube.This video has received 0 comments which are lower than the average comments that News In Science gets . Overall the views for this video was lower than the average for the profile.

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