Priya From Amritsar's video: Madhushala Harivansh Rai Bachchan Poems Madhushala Jo Beet Gayi So Baat Gayi
@Madhushala Harivansh Rai Bachchan Poems Madhushala Jo Beet Gayi So Baat Gayi हरिवंशराय बच्चन
एक बरस में एक बार ही
जगती होली की ज्वाला
एक बार ही लगती बाजी
जलती दीपों की माला
दुनियावालो किंतु किसी दिन
आ मदिरालय में देखो
दिन को होली‚ रात दिवाली
रोज मनाती मधुशाला
मदिरालय जाने को घर से
चलता है पीने वाला
‘किस पथ से जाऊं?’ असमंजस
में है वह भोला भाला
अलग अलग पथ बतलाते सब
पर मैं यह बतलाता हूं
‘राह पकड़ तू एक चलाचल
पा जाएगा मधुशाला
यम आयेगा साकी बनकर
साथ लिए काली हाला
पी न होश में फिर आएगा
सुरा-विसुध यह मतवाला
यह अंितम बेहोशी
अंतिम साकी, अंतिम प्याला है
पथिक, प्यार से पीना इसको
फिर न मिलेगी मधुशाला
मेरे अधरों पर हो अंतिम
वस्तु न तुलसी-दल,प्याला
मेरी जीव्हा पर हो अंतिम
वस्तु न गंगाजल, हाला
मेरे शव के पीछे चलने वालों
याद इसे रखना
राम नाम है सत्य न कहना
कहना सच्ची मधुशाला
मेरे शव पर वह रोये
हो जिसके आंसू में हाला
आह भरे वो, जो हो सुरिभत
मदिरा पी कर मतवाला
दे मुझको वो कांधा जिनके
पग मद डगमग होते हों
और जलूं उस ठौर जहां पर
कभी रही हो मधुशाला
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Harivansh Ray Bacchan Poem || हरिवंश राय बच्चन के दिल छू लेने वाली कविता
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डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी की सुप्रसिद्ध कविता "मधुशाला" .
Madhushala - The Complete Hindi Poem of Harivansh Rai Bachchan Ji
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Priya From Amritsar's video: Madhushala Harivansh Rai Bachchan Poems Madhushala Jo Beet Gayi So Baat Gayi
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