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Raj Narayan's video: Vrindavan Kumbh Mela202- - 14 adbhut sant

@Vrindavan Kumbh Mela202-अद्भुत संत-देखिए,14 साल लकड़ी की लंगोटी पहन की तपस्या...adbhut sant
,sallakdikilagotipaheni # दोस्तों आइए आज एक ऐसे संत से मिलवा रहा हूं, जिनका दर्शन करने से आप धन्य हो जाएंगे। 14 साल तक कठोर तपस्या उन्होंने लकड़ी की लंगोट पहन कर साधना की, आइए मिलवाता हूं। नागा त्यागी काठिया बाबा प्रेमदास जी से। ऐसे अद्भुत संत जिन्होने 14 वर्ष तक लगातार लकड़ी की लंगोट पहन कर कठिन साधना की ।वृंदावन कुंभ साथियों अद्भुत दिखाई देगा। कुंभ में देश और दुनिया के तमाम संत साधु पहुंचने लगे हैं, तमाम ऐसे सिद्ध जिनके दर्शन मिलना बहुत दुर्लभ है। मगर मैं अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से आप सब को उन संतों से मिलवाने की कोशिश करता रहूंगा। जब मैं वृंदावन कुंभ में पहुंचा तो काठिया बाबा के दर्शन हुए, और जब उनसे काठिया परंपरा के बारे में जानकारी की। काठिया का मतलब क्या होता है, और हर जगह काठिया क्यों चर्चित होते हैं। तब बाबा प्रेमदास ने बताया कि काठिया का मतलब लकड़ी की लंगोट पहनना या लकड़ी को अपने पैर आदि पर बांधे रखना, कठोर साधना करना, इसलिए काठिया बाबा के नाम से संत प्रसिद्ध हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी 14 साल तक लगातार लकड़ी की लंगोट पहने रखी थी , और कभी भी नहीं उतारते थे। प्रेम दास बाबा ने यह बताया कि काठिया इसलिए लकड़ी की लंगोट पहनते है। जिससे कि उन्हें भक्ति और साधना में और ज्यादा शक्ति मिले। अर्थात जब लकड़ी की लंगोट पहने रहते हैं तो उन्हें बैठने में दिक्कत होती है आराम करने में उठ ने बैठ ने में उन्हें दिक्कत होती है । तो जब हमे दर्द होता है ,तो हम हरी नाम का नाम लेते हैं, भगवान का कीर्तन करते हैं, और भक्ति में लीन हो जातें हैं। काठिया बाबा ने बताया कि धीरे-धीरे यही साधना उनकी भक्ति में रम जाती है, और फिर वह दर्द और तकलीफ सब दूर हो जाता है ,और फिर वह लकड़ी की लंगोट पहन कर वर्षों तक साधना करते हैं, उन्होंने बताया कि उन्होंने 14 साल तक लकड़ी की लगोटी पहेनी है। तमाम ऐसे संत हैं, जो करीब करीब पूरे जीवन भर लगोट पहने रहते हैं, या लकड़ी को अपने पैरों पर बांध लेते हैं। और खड़े ही खड़े अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं। यह सिर्फ भारत के में है ही ऐसा होता है, क्योंकि भारत आध्यात्मिक देश है, और यहां पर संतों ने प्रभु को पाने के लिए भगवान को पाने के लिए तमाम तरह की साधना की ,कठोर तपस्या की, तो यह परंपरा बाबा ने यह भी बताया कि उन्होंने धूनी भी रमी है, और 18 साल तक लगातार वह धूनी के आगे बैठे रहे। उन्होंने बताया चाहे मई और जून की गर्मी रही हो, तब भी उन्होंने धूनी को छोड़ा नहीं, ताभी भी तपस्या करते रहे, जब गर्मी बेतहाशा लगती थी अग्नि की, अग्नि प्रज्वलित होती थी तो उस समय वह भक्ति में लीन हो जाया करते थे, भक्ति में रम कर हरे रामा हरे कृष्णा या राधेश्याम राधेश्याम सीताराम इस तरह की भक्ति में रम जाते थे, जाप करना शुरू कर देते थे ,इससे क्या होता था कि धूनी का असर उन्हें प्रतीत नहीं होता था ।और भक्ति में लीन हो जाते थे । प्रेम दास बाबा ने बताया कि संत भगवान को पाने के लिए भगवान में लीन होने के लिए अलग-अलग तरह से तपस्या करते हैं ,साधना करते हैं, और जल तपस्या के बारे में भी उन्होंने बताया। कि उन्होंने लगातार 4 साल तक जल तपस्या भी की। उसमें उन्होंने बताया कि जब दिसंबर और जनवरी की कड़ाके की ठंड पड़ती थी, उस समय जल में खड़े होकर उन्होंने तपस्या की चार-चार घंटे तक लगातार वह जल में खड़े रहते थे। कड़ाके की ठंड पड़ती थी, और ऐसे में सिर्फ भगवान का नाम भक्ति से लेते रहते थे। जिसके कारण से उन्हें ठंड का जरा भी अहसास नहीं होता था ।और वह भक्ति में सिर्फ लीन रहते थे । भारत में, दुनिया से इसीलिए तमाम ऐसे लोग खींचे चले आते हैं, क्योंकी भारत भक्ति और ज्ञान को महत्ता दी है। इसलिए दूर देशों से लोग प्रभु के दर्शन पाने के लिए दौड़े चले आते हैं। और भक्ति में लीन होकर अपना जीवन व्यतीत कर देते। वृंदावन भगवान श्री कृष्ण की नगरी है बचपन यहां उनका बीता है ,और आप देखते होंगे कि तमाम लोग दंडवत लगाते दिखाई दे जाएंगे, तमाम लोग परिक्रमा लगाते दिखाई दे जाएंगे ,यानी वृंदावन की रज को अपने सिर माथे शरीर पर लगाने के लिए लोग आतुर रहते हैं। ऐसी वृंदावन की पवित्र भूमि है। और इस बार 16 फरवरी से वृंदावन में लग रहा है । संत सब जुट रहे हैं, बड़ी संख्या में सन्यासियों का जमावड़ा संतों का जमावड़ा होने लगा है ।पांडाल लग गए हैं , कुंभ 16 फरवरी को ही शुरुआत हो जाएगी। यह महा कुंभ 25 मार्च तक रहेगा। 1 महीने से अधिक समय तक तो तमाम ऐसे मैं आपको दर्शन कराता रहूंगा। जिन्हें आप देखकर धन्य हो जाएंगे । तो आइए फिर चलते हैं, आप सबको वृंदावन की नगरी में कुंभ की भव्यता दिखाने के लिए। आप सब को अंदाजा नहीं होगा । क्योंकि इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही सुंदर व्यवस्था की है।सभी आश्चर्य चकित हो रहे हैं। कितना बढ़िया वृंदावन में कुंभ हो सकता है। मैंने भी तमाम वीडियो में यह बताया कि वृंदावन की शुरुआत हुई है। फिर आप दर्शन करिए और मैं वीडियो के माध्यम से आपको वृंदावन कुंभ की और तमाम जानकारियां देता रहूंगा।।। जय श्री राधे जय श्री कृष्णा।।

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Raj Narayan
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This video was published on 2021-02-13 09:17:21 GMT by @Raj-Narayan on Youtube. Raj Narayan has total 503K subscribers on Youtube and has a total of 1.4K video.This video has received 1.6K Likes which are higher than the average likes that Raj Narayan gets . @Raj-Narayan receives an average views of 22.3K per video on Youtube.This video has received 92 comments which are higher than the average comments that Raj Narayan gets . Overall the views for this video was lower than the average for the profile.Raj Narayan #VrindavanKumbhmela2021 #katiyaBaba #14,sallakdikilagotipaheni # has been used frequently in this Post.

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