Ravi Talwar's video: Guru Gobind Singh - The 10th Guru of Sikhism
@गुरु गोबिन्द सिंह, सिखों के दसवें गुरु Guru Gobind Singh - The 10th Guru of Sikhism
# गुरु_गोबिंद_सिंह_जयंती_विशेष _Gobind_Singh_Jayanti_Special #पांच_ककार _Ks #शुभकामनाएं #खालसा #पंज_प्यारे _beloved_ones _Pyare #गुरु_ग्रंथ_साहिब _Granth_Saheb #महान_योद्धा _Warrior _of_Guru_Gobind_Singh #पवित्र_ग्रंथ #चार_साहबजादे
गुरु गोबिन्द सिंह (गुरु गोबिंद सिंह) (जन्म:पौष शुक्ल सप्तमी संवत् 1723 विक्रमी तदनुसार 22 दिसम्बर 1666- मृत्यु 7 अक्टूबर 1708 ) आप सिखों के दसवें गुरु थे। आपके पिता जी श्री गुरू तेग बहादुर जी की शहादत के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को 10 वें गुरू बने। आप एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे।
गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रंथ (ग्रन्थ) गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया। विचित्र नाटक अकाल उसत्त , चण्डी दी वार उनकी आत्मकथा है। यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। यह दसम ग्रन्थ का एक भाग है। दसम ग्रन्थ (ग्रन्थ), गुरू गोबिन्द सिंह की कृतियों के संकलन का नाम है।
उन्होने जुलम और पापों का खत्म करने के लिए और गरीबों की रक्षा के लिए मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े। और उन्होंने सभी के सभी युद्धों में विजय प्राप्त की। गुरु गोविन्द सिंह जहाँ विश्व की बलिदानी परम्परा में अद्वितीय थे, वहीं उन्होंने सदा प्रेम, एकता, भाईचारे का सन्देश दिया। किसी ने गुरुजी का अहित करने की कोशिश भी की तो उन्होंने अपनी सहनशीलता, मधुरता, सौम्यता से उसे परास्त कर दिया। गुरुजी की मान्यता थी कि मनुष्य को किसी को डराना भी नहीं चाहिए और न किसी से डरना चाहिए। वे अपनी वाणी में उपदेश देते हैं भै काहू को देत नहि, नहि भय मानत आन।
खालसा पंथ की स्थापना
गुरु गोबिंद सिंह जी का नेतृत्व सिख समुदाय के इतिहास में बहुत कुछ नया ले कर आया। उन्होंने सन 1699 में बैसाखी के दिन खालसा जो की सिख धर्म के विधिवत् दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का एक सामूहिक रूप है उसका निर्माण किया।[4]
सिख समुदाय के एक सभा में उन्होंने सबके सामने पुछा – "कौन अपने सर का बलिदान देना चाहता है"? उसी समय एक स्वयंसेवक इस बात के लिए राज़ी हो गया और गुरु गोबिंद सिंह उसे तम्बू में ले गए और कुछ देर बाद वापस लौटे एक खून लगे हुए तलवार के साथ। गुरु ने दोबारा उस भीड़ के लोगों से वही सवाल दोबारा पुछा और उसी प्रकार एक और व्यक्ति राज़ी हुआ और उनके साथ गया पर वे तम्बू से जब बहार निकले तो खून से सना तलवार उनके हाथ में था। उसी प्रकार पांचवा स्वयंसेवक जब उनके साथ तम्बू के भीतर गया, कुछ देर बाद गुरु गोबिंद सिंह सभी जीवित सेवकों के साथ वापस लौटे और उन्होंने उन्हें पंज प्यारे या पहले खालसा का नाम दिया।
उसके बाद गुरु गोबिंद जी ने एक लोहे का कटोरा लिया और उसमें पानी और चीनी मिला कर दुधारी तलवार से घोल कर अमृत का नाम दिया। पहले 5 खालसा के बनाने के बाद उन्हें छठवां खालसा का नाम दिया गया जिसके बाद उनका नाम गुरु गोबिंद राय से गुरु गोबिंद सिंह रख दिया गया। उन्होंने पांच ककारों का महत्व खालसा के लिए समझाया और कहा – केश, कंघा, कड़ा, किरपान, कच्चेरा।
गुरु गोविन्द सिंह की सिखाई ये 11 बाते:
1. धरम दी किरत करनी: अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं
2. दसवंड देना: अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें.
3. गुरुबानी कंठ करनी: गुरुबानी को कंठस्थ कर लें.
4. कम करन विच दरीदार नहीं करना: काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें.
5. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना: अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें.
6. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना: दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें, और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें.
7. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना: किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें.
8. परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी: किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें.
9. बचन करकै पालना: अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें.
10. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना: खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करें. आज के संदर्भ में नियमित व्यायाम जरूर करें.
11. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना: किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें.
Photo Credits: ONLINE STUDY 92 via www.onlinestudy92.com, Hari Singh via Wikimedia Commons (CC BY 3.0), WIKIMEDIA COMMONS via Naseeb via en.wikipedia (CCA-SA 2.5, 2.0, and 1.0), WIKIMEDIA COMMONS via https://commons.wikimedia.org (Public domain), JAGRAN via https://jagran.com (4 photos), GURUJI via https://gurujikebande.blogspot.com (2 photos), LATESTLY via https://hindi.latestly.com.
Ravi Talwar's video: Guru Gobind Singh - The 10th Guru of Sikhism
19
7